कीर्तन
मोहन बनके नर से नार करके सोलो है श्रृंगार
मोहन बनके नर से नार
करके सोलो है श्रृंगार
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर
सरपे धरे एक छोटी सी पोटरिया
चले अठिलाते पहुँचे राधा की नगरिया
करते गलियों में पुकार
चुडियाँ पहने कोई नार
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर
ललिता ने सुनी
कहा राधा से जाके
राधा ने कहा
उसको लाओ तुम लिवाए
ललिता दौड़ी आयी द्वार
करके मोहन की पुकार
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर
राधा ने कहा रहती हो कौन गाँव में गोरी
रहती मथुरा में सरकार
करती चुडियो का व्यापार
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर
राधा ने कहा चुडियाँ हमे देव पहनायी
चुडियाँ श्याम रहे पहनायी
राधा मन ही मन मुस्काये
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर
मोहन बनके नर से नार
करके सोलो है श्रृंगार
चुडियाँ पहने लगाये बेंदी माथे पर।
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