कीर्तन
राम कहे बन चलो न सीते तुम बन की डगर न चल पइहौ
वहाँ मिलेंगे शेर औ चीते तुम देख जानकी डर जइहौ
राम कहे बन चलो न सीते तुम बन की डगर न चल पइहौ
पथ पथरीला अंग है कोमल घाम लगे कुम्हला जइहौ
तुम बन की डगर न चल पइहौ
सास ससूर की सेवा करियो मानो बचन तुम घर रइहौ
तुम बन की डगर न चल पइहौ
सिया कहे तुम चलते चलते तुम बन की डगरिया थक जइहौ
तुम बन की डगर न चल पइहौ
वहाँ तुम्हारी दाबू चरण प्रभू चैन की नींदा सो जइहौ
इससे संग चलूगी भगवान दासी को मत ठुकराइयो
माता कहे न माने सिया तुम छोड़ अकेले मत जइहौ
राम कहे बन चलो न सीते तुम बन की डगर न चल पइहौ।
तुम बन की डगर न चल पइहौ
वहाँ तुम्हारी दाबू चरण प्रभू चैन की नींदा सो जइहौ
इससे संग चलूगी भगवान दासी को मत ठुकराइयो
माता कहे न माने सिया तुम छोड़ अकेले मत जइहौ
राम कहे बन चलो न सीते तुम बन की डगर न चल पइहौ।
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