Tuesday, 29 December 2020

गुब्बारे वाला कविता | Kavita gubbare wala | हिंदी कविता

  कविता  



 गुब्बारे वाला 


नन्हें-मुन्हें बालकों के कानों में 
जब पड़ती वो बाँसुरी की मधुर राग ,
घर के जिस भी कोने में 
लुके हों वो नटखट से सैतान ,
फिर देखो उनके छोटे-छोटे कदमों की वो थिरक चाल। 

माँ-बाबा को मनाना है बस वो गुब्बारा पाना है ,
न करेंगे कोई सैतानी ,
ओ माँ वो देखो गुब्बारे वाला आया है। 
होगी आपकी हर आज्ञा पूरी ,
ओ बाबा बस वो गुब्बारा पाना है। 

By - A.S.      

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