Sunday 11 November 2018

Hindi Poem on SURAJ DADA / kvita suraj par / सूरज दादा कविता

  सूरज दादा  

सूरज दादा - सूरज दादा
मेरे प्यारे सूरज दादा 
आओ तुम्हे बुलाते दादा 
सबके मन को भाते दादा 
तुम न आओगे गर तो 
हम बच्चों का क्या होगा 
अन्धकार में फँसे रहे 
हाल बुरा सबका होगा 
बिना तुम्हारे नहीं चलेगी 
इस वसुन्धरा की कोई चाल 
तुम न आओगे गर तो 
हो जायेगी धरा बेहाल 
पौधे-पेड़ सभी मुरझायें 
अन्न कहाँ पैदा होगा 
जन जीवन का हाल बुरा 
दादा मेरे मेरा क्या होगा 
क्या होगा मेरा क्या होगा 
हाल सभी का क्या होगा 
सूरज दादा - सूरज दादा
मेरे प्यारे सूरज दादा। 
                                              By - S.S.Bhadouria  

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