Friday, 16 November 2018

Poem on Mahatma Gandhi ( Father of Nation) / गाँधी बापू कविता / कविता

 गाँधी बापू  

कहते है कोटाल गाँव में अब भी लोग कहानी 
सन् 52 की बात बड़ी है वर्षो-वर्ष पुरानी 
गाँधी जी जब देश सेवा हित चन्दा लेने आये 
जन-जन के सम्मुख गाँधी ने अपने कर फैलाये 
अपने कर फैलाये देश को आजाद कराये 
अंग्रेजो से करके लडाई अपना देश बचाये 
ऐसे कर्मचन्द्र बापू को हम अपना शीश झुकाये 
शीश झुकाये - शीश झुकाये।

                               By - S.S.Bhadouria

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