वसुधा क्या
आओ अब तुम्हें सुनाये जरा ,
दुनिया की रीति निराली है।
ये धरती हरि की पत्नी है ,
जिसमे सबने दृष्टि डाली है।
गर जीवन सफल बनाना है।
इसमे रहते है जीव बहुत ,
नेको अनेक और नाना है
ये वेदो ने भी माना है।
उठकरके सुबह तुम बिस्तर से ,
इस वसुधा को प्रणाम करो।
ये वसुधा हरि की पत्नी है ,
वेदो ने भी ये बखाना है।
होगा कल्याण तभी तेरा ,
वरना जाना अन्जाना है।
लो मैंने तुम्हें सुनाया है
दुनिया की रीति निराली है।
By - S.S.Bhadouria
By - S.S.Bhadouria
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