कहानी
ताल गंगवन धाने सुरी
ताल गंगवन धाने सुरी
एक नगर में एक राजा और रानी रहते थे वही पर उनके महल के पीछे की ओऱ एक गरीब आदमी भी रहता था। वह गरीब आदमी रोज़ रात को अपनी पत्नी से कहता ओ बच्चों की माँ ले आव ताल गंगवन धाने सुरी वो ले आती और वो सब उसी में लेट जाते थे।
इधर राजा की रानी अपने महल से यह बात रोज़ सुनती थी। जब सुनते - सुनते बहुत दिन हो गये तो वह इसका रहस्य जानने में लग गयी और राजा से बोली पड़ोस में कमलू के घर में ताल गंगवन धाने सुरी है और मेरे पास तो बस यही पलंग है , अब मुझको भी कमलू की तरह ताल गंगवन धाने सुरी चाहिए।
यह सब जानने के बाद राजा ने अपने मंत्रियों से कह कर कमलू को बुलवाया और उससे ताल गंगवन धाने सुरी लाने का हुक्म दिया। वह गरीब कमलू बोला महराज मै गद्दे और पलंग की व्यवस्था नहीं कर सकता। इसलिए मेरा वही बिस्तर है। राजा ने कहा कि मेरी रानी को वह बिस्तर चाहिए। तब कमलू बोला महराज कल शाम मै रानी जी के लिए वह बिस्तर तैयार कर लाऊँगा। दूसरे दिन वह पयाल से बना हुआ बिस्तर मतलब जिसको वह ताल गंगवन धाने सुरी कहता था उसे लेकर शाम को वह राज दरबार में पहुँच गया। राजा ने रानी का पुराना बिस्तर उस गरीब आदमी को इनाम स्वरूप दे दिया वह बिस्तर पाकर बड़ा प्रसन्न हुआ। जब रात को रानी उस ताल गंगवन धाने सुरी में लेटी तो उस पयाल के बिस्तर में उनको नींद भी नहीं आयी और वो पूरी रात बहुत परेशान हो गई। परन्तु उन्होंने राजा जी से कह के ये बिस्तर मगवाया था तो अब क्या करती।
अन्त में रानी ने परेशान हो कर राजा से कहा कि महाराज मैं इस बिस्तर में नहीं सो सकती कमलू की बात सुनकर मैंने बहुत गलत किया है। राजा ने फिर पुनः रानी को सुन्दर से पलंग की व्यवस्था कर दी।
इधर राजा की रानी अपने महल से यह बात रोज़ सुनती थी। जब सुनते - सुनते बहुत दिन हो गये तो वह इसका रहस्य जानने में लग गयी और राजा से बोली पड़ोस में कमलू के घर में ताल गंगवन धाने सुरी है और मेरे पास तो बस यही पलंग है , अब मुझको भी कमलू की तरह ताल गंगवन धाने सुरी चाहिए।
यह सब जानने के बाद राजा ने अपने मंत्रियों से कह कर कमलू को बुलवाया और उससे ताल गंगवन धाने सुरी लाने का हुक्म दिया। वह गरीब कमलू बोला महराज मै गद्दे और पलंग की व्यवस्था नहीं कर सकता। इसलिए मेरा वही बिस्तर है। राजा ने कहा कि मेरी रानी को वह बिस्तर चाहिए। तब कमलू बोला महराज कल शाम मै रानी जी के लिए वह बिस्तर तैयार कर लाऊँगा। दूसरे दिन वह पयाल से बना हुआ बिस्तर मतलब जिसको वह ताल गंगवन धाने सुरी कहता था उसे लेकर शाम को वह राज दरबार में पहुँच गया। राजा ने रानी का पुराना बिस्तर उस गरीब आदमी को इनाम स्वरूप दे दिया वह बिस्तर पाकर बड़ा प्रसन्न हुआ। जब रात को रानी उस ताल गंगवन धाने सुरी में लेटी तो उस पयाल के बिस्तर में उनको नींद भी नहीं आयी और वो पूरी रात बहुत परेशान हो गई। परन्तु उन्होंने राजा जी से कह के ये बिस्तर मगवाया था तो अब क्या करती।
अन्त में रानी ने परेशान हो कर राजा से कहा कि महाराज मैं इस बिस्तर में नहीं सो सकती कमलू की बात सुनकर मैंने बहुत गलत किया है। राजा ने फिर पुनः रानी को सुन्दर से पलंग की व्यवस्था कर दी।
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से हमको ये शिक्षा मिलती है कि जो हमारे पास है उसमे खुश रहना चाहिए।
Good work
ReplyDelete