Monday, 9 September 2019

Poem on Moon | चाँद पर कविता | चन्द्रमा | चन्दा मामा | कविता चाँद | Hindi Poem | हिन्दी कविता

 कविता 

  चन्द्रमा  

आओ अब कुछ हम जिकर करे 
चन्दा मामा के बारे में - चन्दा मामा के बारे में 
दादी - नानी ने भी देखो इनकी शोभा का गान किया 
हम भी तो अपनी पीढ़ी को इनकी महिमा का बक्खान करे 
संध्या के समय जब सूरज जी
अपने घर जाने लगते है 
उनके जाने के कुछ पहले ही चन्दा आने लगते है। 
जैसे मीठी बाणी सुनकर हृदय शीतल हो जाता है,
वैसे चन्द्रमा के आने से मौसम शीतल हो जाता है,
इनकी शीतलता को पाकर 
ये व्योम ओस बरसाता है 
ये ओस की बूँदे धरती पर ऐसी सुन्दर छा जाती है 
मानो धरती ये स्वर्ग बनी हम स्वर्ग पे रहने वाले हैं। 
अब भारत के वैज्ञानिक भी चन्दा मामा को समझ गये 
अपनी टेक्नलॉजी के दम पर चाँद की कक्षा पर पहुँच गये 
वो दिन भी अब है दूर नहीं 
जब भारत वहाँ तक पहुँचेगा 
आशा की किरण बिछाली हैं। 
                         By - S.S.Bhadouria

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