Tuesday, 10 September 2019

गंगा नदी पर निबन्ध | Essay on The Holi River Ganga in Hindi | हिन्दी निबन्ध | गंगा जी | गंगा पर निबन्ध

 निबन्ध 

  गंगा माँ  

 गंगा नदी एक महान नदी के नाम से जानी और मानी जाती है। कहा जाता है कि राजा भागीरथ एक बार इनको अपने कमंडल में भर कर धरती पर लाये थे और इसीलिए इनका नाम भागीरथी कहा जाता है। राजा भागीरथ अपने पूर्वजों को तारने के लिए तपस्या करके गंगा जी को धरती पर लाये थे। गंगा नदी का उद्गम गंगोत्री से होते हुए केदार नाथ , ऋषिकेश , हरिद्वार , फर्रूखाबाद , कन्नौज , बिठूर (कानपुर नगर ) , फतेहपुर , इलाहबाद (प्रयागराज ) , बनारस , पटना और अन्त में बंगाल की खाड़ी समा जाती है। गंगा नदी को 2008 में भारत सरकार द्वारा भारत की राष्ट्र नदी का दर्जा दिया गया है। गंगा नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक जीवाणु होते हैं जो खतरनाक विषाणु को पनपने नहीं देते हैं। गंगा नदी में मगरमच्छ , मछली , घोंघे , डॉल्फिन , जल मानुष आदि तरह - तरह के जीव पाये जाते हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार गंगा जी की पूजा पाठ भी की जाती है। इनकी पूजा करने से पुत्र धन सुख समृद्धि निरोगी काया आदि सभी प्राप्त होते है। भरतीय वेद - ग्रन्थों में गंगा जी का बहुत बड़ा महत्व है। कहा जाता है कि गंगा जी भगवान शिव जी की जताओं में निवास करती हैं। आपको बहुत जगह ऐसा देखने को मिलेगा जहाँ पर शिव जी के मन्दिर के पास ही गंगा जी की धारा कल - कल करती बह रही होगी यह एक प्रकार का दैविक चमत्कार है। 


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