कीर्तन
लक्ष्मण निकल के देखो सीता किधर गयी है
बागो में जाके देखा वहाँ पता नहीं है
माली के साथ मिलकर गजला बना रही है
लक्ष्मण निकल के देखो सीता किधर गयी है
तालो की तरफ देखा वहाँ पता नहीं है
धोबिया के साथ मिलकर साडी धुला रही है
लक्ष्मण निकल के देखो सीता किधर गयी है
कौनो की ओर देखो वहाँ पता नहीं है
कहेरी के साथ मिलकर घैला खिचा रही है
लक्ष्मण निकल के देखो सीता किधर गयी है
महलो में जाके देखा वहाँ पता नहीं है
रानी के साथ मिलकर खिड़की झका रही है
लक्ष्मण निकल के देखो सीता किधर गयी है।
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