कीर्तन
सीता बैठ अशोक वाटिका हेरे रामचन्द्र की ओर
काह लेन को लक्ष्मण आये काह लेन को राम काह लेन को अंगद आये काह लेन हनुमान
सीता बैठ अशोक वाटिका हेरे रामचन्द्र की ओर
चरण छूवन को लक्ष्मण आये सीया लेन को राम आज्ञा लेन को अंगद आये लंका जलन हनुमान
सीता बैठ अशोक वाटिका हेरे रामचन्द्र की ओर
थाल में लड्डू लायी मन्दोदर आयी सिया जी के पास
मात जानकी भोजन कर लो करो लंक में राज
सीता बैठ अशोक वाटिका हेरे रामचन्द्र की ओर
न हम खइबे न हम पीबे न हम करिबे लंक में राज यही वृक्ष तले हम मर जइबे जइबे राम जी के पास
न हम खइबे न हम पीबे न हम करिबे लंक में राज यही वृक्ष तले हम मर जइबे जइबे राम जी के पास
सीता बैठ अशोक वाटिका है रे रामचन्द्र की ओर।
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