||आज चाँद कि छटा निराली , निराली चाँदनी हैं||
आज चाँद कि छटा निराली , निराली चाँदनी हैं।
आज पूर्णिमा आई - आई , पवन पुरवाई हैं।
आज चाँद कि छटा निराली , निराली चाँदनी हैं।
कहु - कहु कारी बदली छाई , कहु तारन कि उजियाली हैं।
आज चाँद कि छटा निराली , निराली चाँदनी हैं।
By - A.S.
Beautiful lines
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