Wednesday, 8 January 2025

महाकुम्भ 2025 प्रयागराज

 महाकुम्भ   


यत्र देवाः सक्रुध्यन्ते यत्र सर्पिणो व्रजंति च। 

यत्र ब्रम्हास्वयं याति प्रयागस्तु स वै स्मृतः।।

अर्थ : जहां स्वयं ब्रह्मा आते हैं , जहां देवगण और ऋषि - मुनि एकत्रित होते हैं ,
         वह स्थान प्रयाग है , जो सभी तीर्थों में सबसे पवित्र माना गया है। 
 



 महाकुम्भ की कथा 


सनातन धर्म की आस्था व वैभव के प्रतीक महाकुम्भ का संबंध समुद्र मंथन से जुड़ा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार , प्राचीनकाल में देव व असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था और समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को पाने के लिए देव और असुरों में १२ (12) दिनों तक संघर्ष चला। भगवान विष्णु के कहने पर गरुड़ ने अमृत का कलश ले लिया। असुरों ने जब गरुड़ से अमृत कलश छीनने का प्रयास किया तो उस पात्र से अमृत की कुछ बूंदें छलक कर प्रयागराज , नासिक , हरिद्वार और उज्जैन में गिरीं। इन्हीं चारों नगरों में १२ (12) वर्ष के अंतराल में महाकुम्भ का आयोजन किया जाता है।  तीर्थराज प्रयाग का महाकुम्भ दुनिया का सबसे बड़ा व भव्य आयोजन होता है। धर्म और अध्यात्म का ऐसा समागम और कहीं नहीं दिखता। महाकुम्भ - २०२५ (2025) प्रयागराज में १३ (13) जनवरी , २०२५ (2025) से २६ (26) फरवरी , २०२५ (2025) तक आयोजित होने जा रहा है। 

तीर्थों के राजा हैं प्रयागराज 


पौराणिक मान्यता है कि सृष्टि रचना से पहले परमपिता ब्रम्हाजी ने तीर्थराज प्रयाग में यज्ञ किया था। जहां यज्ञ हुआ था , वह मोहल्ला दारागंज के नाम से विख्यात है।  इसी कारण प्रयागराज को 'तीर्थों के राजा' के रूप में जाना जाता है।  धार्मिक मान्यता है कि तीर्थराज प्रयाग में जप - तप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ मास में श्रद्धालु संगम तीरे कल्पवास करने आते हैं।  कुम्भ व महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ों में पहुंच जाती है। हर १२ (12) वर्ष में देश - विदेश के संत व श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने के लिए प्रयागराज आकर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। संगम की रेती में रमकर भजन - पूजन करके इहलोक से परलोक तक सुधारने का प्रयत्न करते हैं। ऐसा दृश्य दुनिया में कहीं नहीं दिखता। 

सनातन गर्व महाकुम्भ पर्व २०२५ (2025) प्रयागराज 































1 comment:

  1. I'm searching for good study blog sites. I came across your blog while looking for UPES Project Report Format

    ReplyDelete