Tuesday, 19 June 2018

मात से बोले एक दिन श्याम मेरी माँ चन्दा है अविराम.....

श्याम भजन .....

मात से बोले एक दिन श्याम

मेरी माँ चन्दा है अविराम

मँगा माँ जल्दी से...
मँगा माँ जल्दी से ...

इतने खिलौने पड़े कन्हाई

इनसे खेलो श्याम कन्हाई

और कमी हो और मँगा दूँ

और कमी हो और मँगा दूँ

माँ मुझे चहिए चन्दा

जिसने मन को मोह लिया है

पिला प्रेम का फन्दा

मँगा माँ जल्दी से ...

मँगा माँ जल्दी से ...

सोचत - सोचत - सोच लिया

मन में तरकीब सुहानी

तुरंत लाकर एक थाल पे 

भर दिया उन्होंने पानी

कहा लो चन्दा है अविराम

मँगा माँ जल्दी से...

चन्दा को पाकर के कन्हाई

उससे हिल मिल खेले खेल

देखकर मन मोहन को

माँ यशुदा बलि - बलि जाई

मँगा माँ जल्दी से ...

मँगा माँ जल्दी से ...

                                          BY - S.S.BHADOURIA


                        इस गीत से हमे ये शिक्षा मिलती है कि बच्चों की ज़िद बड़ी कठिन होती है 

                                                               और माँ उसको किसी तरह से पूरा भी करती है।



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