सावन गीत
रामा आये न बिरन हमार
कि अरे रामा आये न बिरन हमार
कोन विधि जइबे रे हारी
कि अरे रामा मात पिता बिसराई रामा
कि हरे रामा कहे रूठी भउजाई
कि हरे रामा पातीलग न पठाई
कोन विधि जइबेरे हारी
कि अरे रामा आये न बीरन हमार
कि अरे रामा संग की सखिया सिधारै
कोन विधी जइबे रे हारी
कि अरे रामा सब सखी झूलै जावै
हँसी त्योहार मनावे रामा
कि हरे रामा रोय रोय रही जइबे
कोन विधि जइबे रे हारी
कि अरे रामा एही सोच है भारी
रहे गुड़ियन के दिन चारी रामा
कि हरे रामा पूजा करू शकर की
कि अरे रामा आये है बिरन हमार
हुआ सुख भारी रे हारी
कि अरे रामा आये न बिरन हमार
कोन विधि जइबे रे हारी
घाट भोर चली जइबे
कि अरे रामा आये न बिरन हमार
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