बनरा
बन्ना इत दिन कवारे क्यों रहे
पण्डित के गये पण्डित न मिले
सायत बिन कवारे रह गये ...
बन्ना इत दिन कवारे क्यों रहे
माली के गये माली न मिले
मौरी बिन कवारे रह गये ...
बन्ना इत दिन कवारे क्यों रहे
दर्जी के गये दर्जी न मिले
जामा बिन कवारे रह गये ...
बन्ना इत दिन कवारे क्यों रहे
सुनार के गये सुनार न मिले
गहनों बिन कवारे रह गये ...
बन्ना इत दिन कवारे क्यों रहे
मोची के गये मोची न मिले
जूतों बिन कवारे रह गये ...
बन्ना इत दिन कवारे क्यों रहे।
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