Monday, 19 October 2020

क्षत्रिय कविता | Kshatriya Poem (Shayri)

क्षत्रिय 

समाज के रक्षक
सत्रु के भक्षक
बल के स्वामी
ह्रदय के दास
मात्र के प्रेमी
पितृ के भक्त
कुल के गौरव
क्षत्रिय है हम |


By - A . S .  

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