Tuesday, 4 August 2020

भदौरिया क्षत्रिय( राजपूत ) वंश और उतपत्ति इतिहास | Bhadouria Thakur | अग्निवंशीय क्षत्रिय वंश और उतपत्ति इतिहास

 क्षत्रिय ( राजपूत )

क्षत्रिय ( राजपूत ) चार सबसे बड़ी हिन्दू जातियों में दूसरी बड़ी जात हैं। ये युद्ध कला में पारंगत होते हैं और समाज की रक्षा करना इनका धर्म होता हैं।

  भदौरिया क्षत्रिय( राजपूत ) 

भदौरिया क्षत्रिय अग्निवंशी हैं। इनका गोत्र वत्स है। यह चौहान वंश की 24 शाखाओं में से एक हैं। इनका निवास भदावर रहा है इसलिए यह क्षत्रिय भदौरिया कहलाते है।

ठिकाने

इनके वर्तमान ठिकाने हैं - अधिक्तम भदौरिया राजपूत आगरा , ग्वालियर , इटावा , भिंड , कानपुर में तथा यत्र-तत्र जनपदों में पाए जाते हैं। 

कुल देवता

भदौरिया क्षत्रिय कुल के कुल देवता बाबा बटेश्वरनाथ जी ( महादेव शिव जी ) हैं। यह मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है और पवित्र यमुना नदी के तट पर आगरा (उत्तर प्रदेश) से ७० किमी की दूरी पर स्थित है। यमुना नदी के तट पर एक पंक्ति में एक सौ एक (१०१) मंदिर स्थित हैं। जिनका निर्माण राजा बदन सिंह भदौरिया द्वारा कराया गया था।

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