रिपोर्ट
रिपोर्ट का प्रारूप
(100-150 शब्द )
"शीर्षक "
स्थान /दिनांक /पत्रकार का नाम , -------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आपने अपने घर के निकट स्थित पार्क में राम - रावण युद्ध एवं रावण पुतला दहन का कार्यक्रम देखा। इस विषय पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।
आतिशबाजी से आसमान सतरंगी
कानपुर /4 अक्टूबर / मोहन कुमार ,हरजेन्दर नगर स्थित नरेन्द्रा ग्राउंट में विजय दशमी पर आयोजित मेले व रामलीला स्थल पर रावण वध व पुतला दहन के दौरान खुशियों के धमाकों से आकाश सतरंगी हो गया। कार्यक्रम का उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक सतीस महाना जी ने दीप प्रज्वलन के माध्यम से किया।
कार्यक्रम का शुभ - आरम्भ राम और सीता जी की शादी से हुआ , इसने दर्शको का मन मोह लिया। इसके उपरांत रावण वध की लीला का मंचन किया गया। यहाँ पर दो बड़े और बहुत आकर्षक पुतले बनाए गये थे , बड़ा वाला रावण का पुतला था और दूसरा कुम्भकरण का था। ग्राउंड के बाहर तो दोपहर से ही एक बड़ा और अति सुंदर मेला लगा हुआ था। मेले में नन्हे - मुन्हो से लेकर वृद्धो तक के लिए वस्तुए उपलब्ध थी। यहाँ कपड़े , खिलोने , सजावट की वस्तुए , सुन्दर - सुन्दर फूल , आदि सब था। यहाँ पर खाने - पीने की चीजे भी थी जैसे तरह - तरह कि मिढईया , समोसे , ठंडा बर्फ का गोला , गोलगप्पे , भेलपूरी , चाट , चाउमीन , पोम्फली , पोपोस , आदि का बहुत अच्छा इंतिज़ाम था। बच्चों के लिए छोटे - छोटे धनुष - बाड , मिट्टी के बने खिलौने और रंगीन चश्मे भी उपलब्ध थे।
अपने अध्यक्षीय भाषण में मुख्य अतिथि ने सबको अतीत से सबक लेकर एक स्वर्णिम भविष्य का पाठ पढ़ाया उन्होंने बताया कि जीत तो हमेसा सत्य की ही होती है चाहे बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो। इस कार्यक्रम का समापन सतीस महाना जी ने रावण पुतला दहन कर किया। और आधे घंटे तक आतिशबाजी हुई। आतिशबाजी से सतरंगी हुए आकाश को देख ऐसा लग रहा था मानो भगवान राम की इस विजय में उनके स्वागत को तारे टूटकर ज़मीन पर आ रहे हों।
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