Friday, 27 September 2019

कविता आकाश | व्योम क्या है ? कविता | गगन पर कविता | नभ पर कविता | Hindi Poem | हिन्दी कविता | आकाश पर हिन्दी कविता

  आकाश  

 व्योम क्या है ? 

समझो यह बात बताये जरा ,
गगन की छटा निराली है ,
यह गगन हमारा नीला है ,
इसकी शोभा अति प्यारी है। 
जब सुबह - सुबह हम देखे तो 
सूरज दादा आ जाते है 
इनके आने की क्या शोभा 
जन्नत जैसी मतवाली है 
उस शोभा पर जब नजर पडे ,
आँखे सबकी खुश हो जाये 
यह गगन हमारा नीला है ,
इसकी शोभा अति प्यारी है। 
इस नील गगन के नीचे हम 
सुख चैन से हरदम रहते है 
ये व्योम हमारी छतरी है ,
हम नीचे चलते रहते है 
इंसान व्योम से कुछ सीखे 
मिल जल कर कैसे रहते है ,
सूरज - चन्दा - अनगिनत तारे 
कैसे नभ में मिलकर रहते है। 

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