आकाश
व्योम क्या है ?
समझो यह बात बताये जरा ,
गगन की छटा निराली है ,
यह गगन हमारा नीला है ,
इसकी शोभा अति प्यारी है।
जब सुबह - सुबह हम देखे तो
सूरज दादा आ जाते है
इनके आने की क्या शोभा
जन्नत जैसी मतवाली है
उस शोभा पर जब नजर पडे ,
आँखे सबकी खुश हो जाये
यह गगन हमारा नीला है ,
इसकी शोभा अति प्यारी है।
इस नील गगन के नीचे हम
सुख चैन से हरदम रहते है
ये व्योम हमारी छतरी है ,
हम नीचे चलते रहते है
इंसान व्योम से कुछ सीखे
मिल जल कर कैसे रहते है ,
सूरज - चन्दा - अनगिनत तारे
कैसे नभ में मिलकर रहते है।
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