सावन गीत
खुली हवा में डोले आज मेरा मन बोले रे दिल की बहार
खुली हवा में डोले आज मेरा मन बोले रे दिल की बहार है
कोई आयेगी सवरिया बदरिया जो छाई संदेशा ऐसा लायी
कि सुन -सुन मैं तो सरमायी घबराई
किसी ने चोरी -चोरी मेरे घूघर के पट खोले रे मै तो हुई बवरिया
खुली हवा में डोले आज मेरा मन बोले रे दिल की बहार है
मै अखियाँ झुकाऊ या मुखड़ा छुपाऊ समझ नहीं आये
मुझे हाय छुप जाऊ आज किसी ने मुझे पुकारा प्यार से
होले होले खुली हवा में डोले आज मेरा मन
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