सावन गीत
क्या करू मेरी प्यारी कंथा हमे मिली गे जुवारी
क्या करू मेरी प्यारी कंथा हमे मिली गे जुवारी ....
पहली बाजी जब हारे जुवा में हारी है नथूनी हमारी
कंथा हमे मिली गे जुवारी ....
दूसरी बाजी जब हारे जुवा में हारे है करधन हमारी
कंथा हमे मिली गे जुवारी ....
क्या करू मेरी प्यारी कंथा हमे मिली गे जुवारी ....
तीसरी बाजी जब हारे जुवा हारे है कानो की बाली हमारी
कंथा हमे मिली गे जुवारी ....
चौथी बाजी जब हारी जुवा में हारे है हरवा हमार
कंथा हमे मिली गे जुवारी ....
पचवी बाजी जब हारे जुवा में हारे है पेटी हमारी
कंथा हमे मिली गे जुवारी ....
छठवीं बाजी जब हारे जुवा में हारे है पायल हमारी
कंथा हमे मिली गे जुवारी ....
क्या करू मेरी प्यारी कंथा हमे मिली गे जुवारी ....
RRead more :-
- नन्ही नन्ही बुँदियारे सावन का मेरा झूलन
- सावन गरजे भादव बरसे पवन चले पुरवाई रे
- हरे रामा कृष्ण बने मनिहारी ओढ़ लयी सारी रे हारी
- कि अरे रामा नीचे बहे दरियाव ऊपर चले गाड़ी रे हारी
- कि अरे रामा आये न बिरन हमार कोन विधि जइबे रे हारी
- कि हरे रामा झूला पड़ा है सरकारी झुलावै राधा प्यारी रे हारी
- बिना गुरु का चेला फिरे है अकेला रे हारी
- रिमझिम पड़े फुहार बदरिया झुकी आयी गोरिया
- अबकी सजन सावन में आग लगेगी ये बदन में
- रिमझिम के तराने लेके आयी बरसात
- खुली हवा में डोले आज मेरा मन
- परदेश गये है सवरिया
- पहने कुसुम रंग साड़ी पिया को लगे प्यारी रे हारी
- कउने महीना मा लगन जोर है कउने मा कसमस होई
No comments:
Post a Comment